Surprise Me!

RakshaBandhan aur Humayu aur Karnawati ka dhaga || रक्षाबंधनऔऱ हुमायूंऔऱ रानी कर्णावती का धागा ||

2020-08-03 3 Dailymotion

बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है, प्यार के दो तार से संसार बाँधा है...<br />सुमन कल्याणपुर द्वारा गाया गया रक्षाबंधन का बेहद चर्चित भाई-बहन के ऊपर गाया गया गाना बहुत ही पसंद किया जाता है |<br />ये गाना भले ही 19 शताब्दी गाना गाया गया है लेकिन ये त्योहार बहुत पुराना है....<br />भाई की कलाई पर बहन का राखी बाँधने का सिलसिला बेहद प्राचीन है | ये रक्षाबंधन का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा हुआ है |<br />इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है, इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, असल में रक्षाबंधन की परंपरा ही उन बहनों ने डाली थी जो सगी नहीं थीं, भले ही उन बहनों ने अपने संरक्षण के लिए ही इस पर्व की शुरुआत क्यों न की हो लेकिन उसी बदौलत आज भी इस त्योहार की मान्यता बरकरार है |<br />इतिहास के पन्नों में देखा जाये पर्व का चलन मुग़ल बादशाह जहीरुद्दीन मोहम्मद बाबर के बेटे हुमायूं के शासन काल में और भी अधिक महत्व मिल गया जब मुग़ल कालीन इतिहास के अनुसार रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं |<br /><br />मध्यकालीन युग में राजपूत व मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था, रानी कर्णावती चितौड़ के राजा की विधवा थीं | उस दौरान गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी कर्णावती ने मुग़ल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजी थी |<br />तब हुमायूँ ने उनकी हर तरह से रक्षा प्रदान कर रानी कर्णावती को बहन का दर्जा दिया था |रक्षाबंधन पर्व पर जहाँ बहनों को भाइयों की कलाई में रक्षा का धागा बाँधने का बेसब्री से इंतजार है |<br />वहीं दूर-दराज बसे भाइयों को भी इस बात का इंतजार है कि उनकी बहना उन्हें राखी भेजे उन भाइयों को निराश होने की जरूरत नहीं है, जिनकी अपनी सगी बहन नहीं है क्योंकि मुँहबोली बहनों से राखी बंधवाने की परंपरा भी काफी पुरानी है |<br />रक्षासूत्र या राखी को रक्षाबंधन के अवसर पर भाई की कलाई में बाँधा जाता है | इसे रेशमी धागे और कुछ सजावट की वस्तुओं को मिलाकर बनाया जाता है | इन राखियों का मूल्य भारतीय बाज़ार में ५ रु. से लेकर असीमित रुपयों में भी हो सकता है | आज कल तो बहने सोने और चाँदी की भी राखी अपने भाइयों को बांधने लगे हैं |<br />यह रक्षाबंधन का त्योहार हिन्दोस्तानी महीनों के अनुसार श्रवण मास यानि कभी जुलाई के अंत और अगस्त माह शुरुवात के दिनों में मनाया जाता है |<br />रक्षाबंधन के त्योहार में बांधा गया रेशमी धागा ही नहीं है ये बहन के लिए रक्षासूत्र, अमरता, निडरता, स्वाभिमान, कीर्ति, उत्साह एवं स्फूर्ति प्रदान करने वाला धागा होता है |

Buy Now on CodeCanyon